आधुनिक युग की नारी

 आधुनिक युग में नारी को जहां अधिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई है,  वहीं वह अनेक समस्याओं से गिर भी गई है! आज की नारी की जिम्मेदारियां बहुत हद तक बढ़ गई हैं! समाज में महत्वपूर्ण स्थान पा लेने के पश्चात उसके  उत्तरदायित्वों मैं वृद्धि हो गई है वह आर्थिक समस्याओं के लिए निरंतर संघर्ष कर रही है! नौकरी जीविका का साधन है! नौकरी आर्थिक समस्याओं का समाधान है! नौकरी स्वालंबन के प्रश्न का उत्तर है!  नारी सौंदर्य बौद्ध का मूर्त रूप है!  वह मातृत्व और करुणा की सजीव मूर्ति है!  उसके नयन- कोर  उज्जवल चांदनी की बौछार है इन सबके बावजूद वह नौकरी करने की लिए क्यों विवश हुई? वह पुरुष के समान दफ्तर जाती है या कोई व्यवसाय चलाती है, क्योंकि इसका एकमात्र उत्तर आर्थिक दबाव और विषमता तो है ही, इसके साथ -साथ युग- युग के बंधनों से मुक्ति की चीर कामना भी है!                                                                                 

   नारी को नौकरी क्यों करनी पड़ती है? इस प्रश्न के कई उत्तर हैं! एक तो यह है कि इस प्रकार वह घर -परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक होती है! दूसरे, अनेक प्रकार की विषम आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक होती है! तीसरे, आर्थिक निर्भरता मिटती है! इस निर्भरता के कारण उसे अनेक बार शारीरिक और मानसिक यंत्रणा झेलनी पड़ती है! आर्थिक आश्रय देकर पुरुष वर्ग ने नारी को गुड़िया या मन बहला का खिलौना मात्र समझ लिया है, अतः नारी उसके चंगुल से  मुक्ति की कामनावश नौकरी की राह पर चल रही है! अनेक प्रकार की विषम आर्थिक स्थिति में उसे नौकरी करने को विवश होना पड़ता है! स्वतंत्र आर्थिक स्थिति का प्रलोभन उस नौकरी की ओर आकर्षित करता है!  नारी के नौकरी की और आकर्षित करता है!

 नारी के नौकरी की ओर आकर्षित होने ने अनेक समस्याओं को भी जन्म दिया है! परिवार की सुख-सुविधाओं का मुख्य दायित्व नारी पर ही है, कार्य की अधिकता में नारी सुलभ कोमलता को छीन  लिया है और वह नीरस होती जा रही है! नौकरी  करने वाली स्त्री मातृत्व का दायित्व भी कुशलता पूर्वक नहीं निभा पाती है! ममता और वात्सल्य के अभाव में बच्चों का जीवन पूर्णता विकसित नहीं हो पाता है? क्योंकि आधुनिक नारी समस्याओं से गिर गई है? क्योंकि नारी संघर्ष के लिए विवश हो चुकी है? क्योंकि नारी का आशय इसी पर टिका है? क्योंकि नारी का जीवन नहीं तक विकसित हुआ है! क्योंकि इसीलिए नारी का जीवन नीरस है! क्योंकि आधुनिक युग की नारी आज भी स्वतंत्रता प्राप्त  नहीं कर पाई है क्योंकि वह स्वतंत्र कभी हो ही नहीं! हाय !आज के युग की नारी

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