किडनी रोग एवं निजात पाने के उपाय
- नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे किडनी के रोग का पता कैसे चल सकता है?
किडनी संबंधी रोग का समय पर पता चलना और उसका इलाज शुरू होना बहुत ही आवश्यक है। जिससे किडनी को पूरा खराब होने से बचाया जा सकता है। कुछ साधारण जांच किडनी के रोग को जल्दी पता लगाने के लिए की जा सकती है। जैसे रक्तचाप को नियमित माप
पेशाब /मूत्र में परीक्षण।
रक्त क्रेयटिनिन का परीक्षण।
किडनी रोग के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं?
बहुत से लोगों को किसी प्रकार के गंभीर लक्षणों का सामना नहीं करना पड़ता जब तक उनके असली संबंधी रोग बहुत बढ़ नहीं जाते। हालांकि व्यक्ति ऐसी कुछ चीजों पर ध्यान दे सकता है। परंतु। उन्हें यह लक्षण सामान्य लगते हैं। जिससे उन्हें यह पता नहीं चल पाता कि उन्हें किडनी का रोग है या कोई और दिक्कत क्योंकि ऐसी समस्याओं का सामना हमे मधुमेह में भी करना पड़ता है। यह समस्याएं सामान्य होती हैं। आज जंक फूड खाने से हमारी लाइफ स्टाइल बदल चुकी है। जिससे हम किसी भी बीमारी का अंदाजा जल्दी नहीं लगा सकते यह समस्याएं हर बीमारी में नजर आती है
और व्यक्ति इन को नजरअंदाज करता है।
1) समय पर खाना ना खाना।
2)7-8 गिलास से कम पानी पीना।
3) नमक अधिक आना।
4) हाई बीपी और शुगर के इलाज में लापरवाही बरतना।
5) अधिक मात्रा में मीट और अंडे खाना।
6) अधिक पेन किलर का उपयोग करना।
7) अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना।
8) सॉफ्ट ड्रिंक का अधिक प्रयोग करना जो किडनी को बहुत अधिक प्रभावित करती है।
ऐसे में किडनी पर दबाव पड़ता है। और यह काम करना बंद कर देती है। किडनी की बीमारी खतरनाक इसलिए है क्योंकि प्रथम अवस्था में इसका पता नहीं चलता और यह धीरे-धीरे खराब होती रहती है। फिर भी शरीर हमें ऐसे संकेत देता है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है। किडनी सही से काम कर रही है या नहीं किडनी खराब होने की कम से कम 14 लक्षण हमें दिखाई देते हैं। लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं।
1) पेशाब करने के समयऔर मात्रा में बदलाव आना।
2) किडनी की बीमारी कि प्रथम अवस्था में तेजाब होने में बदलाव आने लगता है।
तेजा की मात्रा बढ़ जाती है या कम हो जाती है !
3) पेशाब का रंग बदल जाना या पेशाब का गाढ़ा हो जाना।
4) बार-बार पेशाब आने का एहसास होना। करने पर भी नहीं हो पाना यह किडनी खराब होने की अवस्था को दर्शाता है।
5) पेशाब करते वक्त दर्द का महसूस होना। दर्द और दबाव महसूस होने लगे तो समझ लेना यह किडनी खराब होने का संकेत हैऔर मूत्र मार्ग में कोई संक्रमण हुआ है!
6) पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना। ऐसी अवस्था में बुखार या मूत्र मार्ग में जलन सी महसूस होती है। कभी-कभी पीठ
का दर्द भी दूसरे लक्षणों में शामिल होता है।
7) पेशाब करते वक्त रक्त का एहसास होना पेशाब करते वक्त रक्त आने लगता है। उस समय बिना कुछ सोचे समझे डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए यह किडनी खराब होने का निश्चित संकेत होता है।
8) झाग जैसा पेशाब आना मूत्र त्याग देने के पश्चात उस में झाग दिखाई देने लगता है यह प्रोटीन होता है। यह किडनी खराब होने के प्रथम लक्षणो में से एक होता है।
9) किडनी में सूजन आना किडनी का प्रथम कार्य होता है। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना लेकिन यह कार्य बाधित होने लगता है। तब किडनी में अधिक फ्लोरिड जमने लगता है।
10)किडनी खराब होने के कारण अधिक पानी और नमक निकल नहीं पाते जिसके कारण पांव ,हाथ ,चेहरे आदि में सूजन दिखाई देने लगते हैं !
11) अधिक थकान और कमजोरी आना !किडनी से प्रोटीन नामक हर्बल निकलता है। जो लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन लाने में मदद करता है जब इस कार्य में बाधा उत्पन्न हो जाती है। तब इस में हारमोंस का स्तर गिर जाता है जिससे एनीमिया! का रोग होता है। जिससे कारण शरीर में कमजोरी और थकान बन जाती है।
12) चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आना!किडनी की बीमारी के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी आने के कारण जिससे चिड़चिड़ापनऔर एकाग्रता में कमी आ जाती है।
13) हर समय ठंड महसूस करना।
14) त्वचा में। रशीद और खुजली होना। यह लक्षण कहीं बीमारियों में होते हैं किंतु किडनी। विषयक पदार्थों के जमने के कारण त्वचा पर राशिद और खुजली होने लगती है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। जिंदगी बहुत अनमोल है। इसे सवारना आपके हाथों में है।
To be continued
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