जीवन के सरल सूत्र

नमस्कार दोस्तों! आप अपने स्वास्थ्य को  स्वस्थ और दीर्घायु।  कैसे बनाएं आइए जानते हैं  जीवन के कुछ सरल जीवन सूत्र दिनचर्या में थोड़ा-सा व आसान परिवर्तन आपको स्वस्थ व दीर्घायु बना सकता है। बशर्ते आप कुछ चीजों को जीवनभर के लिए अपना लें और कुछ त्याज्य चीजों को हमेशा के लिए दूर कर दें। इसके लिए अपनाइए कुछ सरल से  जीवन सूत्र।
🍀प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय पूर्व (5 बजे) उठकर दो या तीन किमी घूमने जाएँ। यह कोई जरूरी नहीं आप सुबह 5:00 बजे ही उठे। आप कुछ समय पश्चााात  भी उठ सकते हैं पर हमारे शास्त्र अनुसार 5:00 बजे ही हमारी दिनचर्या स्वस्थ होती हैं और सूर्य आराधना से दिन का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो दिल-दिमाग को ताजगी देगी।
🍀शरीर को हमेशा सीधा रखें यानी बैठें तो तनकर, चलें तो तनकर, खड़े रहें तो तनकर अर्थात शरीर हमेशा चुस्त रखें।
🍀भोजन से ही स्वास्थ्य और सरल बनाने का प्रयास करें। इसका सबसे सही तरीका है, भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर यानी कम से कम 32 बार,अधिक चबाने से हमारे मुंह में एक लार बनती है जो हमारे भोजन को पचाने में मदद करती भोजन को हमेशााा चबा चबाकर खाएं जिससे हमारी पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है।
🍀मोटापा आने का मुख्य कारण  तेलिया व मीठे पदार्थ होते हैं। इससे चर्बी बढ़ती है। और शरीर में आलस से पैदा होता है। इन पदार्थों का। सेवन नियमित मात्रा में ही करना चाहिए। जो हमारे शरीर से मोटापे को दूर रखें।
🍀हमें भोजन भूख लगने पर ही करना चाहिए।
आवश्यकता से अधिक भोजन अनेक बीमारियों को निमंत्रण देता है। गरिष्ठ-भारी भोजन या हजम न होने वाले भोजन का त्याग करें। यदि ऐसा करना भी पड़े तो एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ।
🍀वाहन के प्रति मोह कम कर उसका प्रयोग कम करने की आदत डालें। जहाँ तक हो कम दूरी के लिए पैदल जाएँ। इससे मांसपेशियों का व्यायाम होगा, जिससे आप निरोगी रहकर आकर्षक बने रहेंगे, साथ ही पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होंगे।
🍀भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें। उनसे आवश्यक तैलीय तत्व प्राप्त करें, शरीर के लिए आवश्यक तेल की पूर्ति प्राकृतिक रूप के पदार्थों से ही प्राप्त करें।
🍀दिमाग में सुस्ती नहीं आने दें, कार्य को तत्परता से करने की चाहत रखें।
🍀घर के कार्यों को स्वयं करें- घर के काम स्वयं करने से हमारी शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है।  यह कार्य अनेक व्यायाम का फल देते हैं।
🍀व्यस्तता एक वरदान है, यह दीर्घायु होने की मुफ्त दवा है, स्वयं को व्यस्त रखें।
🍀कपड़े अपने व्यक्तित्व के अनुरूप पहनें। टाइट कपड़े पहनने से हमारे शरीर में सुस्ती बनी रहती है चुस्त कपड़े पहनें, इससे फुर्ती बनी रहेगी।
🍀जीवन चलने का नाम है, गतिशीलता ही जीवन है, यह सदा ही याद रखें।
🍀अपने जीवन में लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य के प्रति समर्पण का भाव रखें।
🍀शरीर की सुंदरता उसकी सफाई में है। इसका विशेष ध्यान रखें।
🍀सुबह एवं रात में मंजन अवश्य करें। साथ ही सोने से पूर्व स्नान कर कपड़े बदलकर पहनें। आप ताजगी महसूस करेंगे।
🍀शरीर का प्रत्येक अंग-प्रत्यंग रोम छिद्रों के माध्यम से श्वसन करता है। इसीलिए शयन के समय कपड़े महीन, स्वच्छ एवं कम से कम पहनें। सूती वस्त्र अतिउत्तम होते हैं।
🍀बालों को हमेशा सँवार कर रखें। अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें। बाल छोटे, साफ रखें, अनावश्यक बालों को साफ करते रहें।
🍀नियमित रूप से अपने आराध्य देव के दर्शन हेतु समय अवश्य निकालें। आप चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, अपनी धर्म पद्धति के अनुसार ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें।
🍀क्रोध के कारण शरीर, मन तथा विचारों की सुंदरता समाप्त हो जाती है। क्रोध के क्षणों में संयम रखकर अपनी शारीरिक ऊर्जा की हानि से बचें
🍀मन एवं वाणी की चंचलता से अनेक अवसरों पर अपमानित होना पड़ सकता है। अतः वाणी में संयम रखकर दूसरों से स्नेह प्राप्त करें, घृणा नहीं।

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